...तुम आओ, जीवन आये
बंधन एक बनाते, नैना
एक निपुण सी हसी का गहना
दो लटों की दो धरी से
सब चिंता कटती जाए
...तुम आओ, जीवन आये
हँसते और हँसाते देखा,
बिना बात शरमाते देखा,
अगली, पिछली बातों का लेखा,
बातों को बनाते देखा,
एक ख़तम तो शुरू दूसरी,
माला एक बुनती जाये
...तुम आओ, जीवन आये
शांति कभी, पुरजोर चहकती,
चुप्पी कभी, नाराज़ धधकती,
एक उलझन बेतार सिसकती,
वृत्ताकार वह राह महकती,
बहती जलमाला, रोक भी लूं,
कैसे सागर रोका जाये
...तुम आओ, जीवन आये
एक निपुण सी हसी का गहना
दो लटों की दो धरी से
सब चिंता कटती जाए
...तुम आओ, जीवन आये
हँसते और हँसाते देखा,
बिना बात शरमाते देखा,
अगली, पिछली बातों का लेखा,
बातों को बनाते देखा,
एक ख़तम तो शुरू दूसरी,
माला एक बुनती जाये
...तुम आओ, जीवन आये
शांति कभी, पुरजोर चहकती,
चुप्पी कभी, नाराज़ धधकती,
एक उलझन बेतार सिसकती,
वृत्ताकार वह राह महकती,
बहती जलमाला, रोक भी लूं,
कैसे सागर रोका जाये
...तुम आओ, जीवन आये
1 comment:
Bahut Khoob!
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